तुम पर फूल अभी तक नहीं आये
सेमल
और मैं तुमसे बिछुड़ रहा हूँ
सेमल
अभी तुम्हारी शाखें हैं सूनी
छायी नहीं है बहार अब तक तुम पर
उम्मीद करता हूँ जल्द ही लाल
फूलों से लद जाओगे तुम
और मैं तब तुमसे मिलने एक बार आऊँगा ज़रूर
हॉं एक बार ।
कविः-
विप्लव
Tuesday, January 15, 2008
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