Thursday, July 30, 2009

दिल का बहलना

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कहने को तो लगाव, किसी से भी हो सकता है,
मसलन जीवित इंसान!
अगर वो न सही,
तो कोई पालतू ही सही
पालतू भी फालतू नहीं हो तो क्या,
दिल तो किसी भी चीज से बहल सकता है।

ऐसा भी हो सकता है,
कि जिस चीज से आपका दिल बहला हो
वो दुनिया की नजर में बेवकूफाना हो!
पर दिल तो दिल है
वो तो मामूली सी चीज से भी बहल सकता है।

और मामूली सी निर्जीव सी वस्तु भी
अगर छिन जाए तो क्या हो?
सूनेपन बेहद सूनेपन के अंधियारे से
भर जाते हैं रात और दिन।

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